चीन में डॉक्टरी पढ़ने के इच्छुक भारतीयों को झटका
सेहतराग टीम
चीन में दूसरे देशों से एमबीबीएस की पढ़ाई करने आने वाले छात्रों को यहां पढ़ाई करना अब मुश्किल होगा। दरअसल यहां के शिक्षा मंत्रालय ने अब केवल 45 मेडिकल कॉलेज में अंग्रेजी में एमबीबीएस की पढ़ाई का विकल्प दिया है।
चीन के विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए अधिकतर विदेशी छात्र आते हैं, जिनमें भारत से आने वालों छात्रों की संख्या अधिक होती है। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया की तुलना में चीन में पढ़ाई का खर्चा बहुत कम होता है जिसके कारण यहां भारत और अन्य देशों के छात्र अधिक आते हैं। मौजूदा समय में भारत के 23000 से अधिक छात्र चीन के विश्वविद्यालयों में अलग-अलग विषयों की पढाई कर रहे हैं।
वहीं पाकिस्तान के 28000 छात्र यहां पढ़ रहे हैं। चीन में कम से कम 5 लाख विदेशी छात्र पढाई कर रहे हैं। भारत के 23000 हजार छात्रों में 21000 हजार छात्र एमबीबीएस पढाई कर रहे हैं। जो अब तक सबसे ज्यादा हैं।
वहीं भारतीय दूतावास ने बताया कि भारतीय छात्रों की चीन में मेडिकल की पढाई करने की दिलचस्पी को देखते हुए चीनी शिक्षा मंत्रालय ने केवल 45 कॉलेजों में ही विदेशी छात्रों को अंग्रेजी में एमबीबीएस की पढ़ाई अनुमति दी है। भारतीय दूतावास ने आगे कहा है कि चीनी शिक्षा मंत्रालय ने साफ-साफ कहा है कि 45 विश्वविद्यालयों की सूची में जो विश्वविद्यालय शामिल नहीं है उन्हें विदेशी छात्रों को एमबीबीएस में दाखिला देने की अनुमति नहीं होगी।
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